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माँ तू ही है

                       


माँ तू ही है

माँ तू आज मेरे सामने न सही पर मेरे करीब जो भी है सब तू ही तू हैं ।

मेरे दिल में,मेरे ख्यालों में,मेरी साँसों में मेरी बातों में बस तू ही तू है।

मुस्काती हुई,बतियाती हुई,सहलाती हुई और झिडकती हुई माँ तू ही तू है।

मेरे दर्द में,मेरी आह में, मेरी सिसकियों में,मेरी मन्नतो में माँ तू ही तू है।

चाय की चुस्की में,कुरकुरी रोटी में,दाल के घी में, आम की मिठास में तू ही तू है।

फोन की स्क्रीन में ,व्हाट्सअप डीपी में, हर फोन की घंटी में माँ तू ही तू है।

अलमारी के सजे कपडों में, मेरे सुंदर आभूषणों में माँ तेरी पसंद और तू ही तू है।

मेरे शब्दों में, मेरी खामोशी में, मेरे गीत में,मेरे साज में माँ बस तू ही तू है।

मेरी बोली में, मेरे अंदाज में, मेरी आदतों में,मेरी सूरत में भी माँ तू ही तू है।

मेरे ख्वाबों में,मेरी परछाई में साया बनकर मेरे साथ हर तरफ माँ तू ही तू है।

माँ तू आज मेरे सामने न सही पर मेरे करीब जो भी है सब तू ही तू हैं ।

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