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बात पते की मैं कहूँ

भारत की आवाज है हिन्दी, भारत की धडकन हिन्दी

भारत की आवाज है हिन्दी, भारत की धडकन हिन्दी, फिर क्यों भारत को इंडिया कहा, संस्कृत को छोङ दिया है , हिन्दी से शर्म किया है अंग्रेजी से नाता जोड लिया क्यो कहते इंडिया, क्यो कहते इंडिया क्यों कहते हम, भारत को इंडिया ।। भारत की आवाज है हिन्दी, भारत की धडकन हिन्दी, फिर क्यों भारत को इंडिया कहा, अंग्रेजो ने छोडा भारत, पर नाम दे गये इंडिया, श्राप ये भारत को कैसा दिया भारत को भुला दिया, इंडिया अपना लिया ये किसने भारत को नाम दिया ये किसने नाम दिया,ये किसने नाम दिया ये किसने भारत को नाम दिया भारत की आवाज है हिन्दी, भारत की धडकन हिन्दी फिर क्यों भारत को इंडिया कहा, क्यो कहते इंडिया, क्यो कहते इंडिया क्यों कहते हम भारत को इंडिया, भारत से पहचान हमारी, देवनागरी लीपि हमारी कहते थे जिसको सोने की चिडिया चिडिया को उडा दिया, बस इंडिया इंडिया कहा भारत को क्यों इंडिया इंडिया कहा ।। भारत की आवाज है हिन्दी, भारत की धडकन हिन्दी फिर क्यों भारत को इंडिया कहा, क्यो कहते इंडिया, क्यो कहते इंडिया क्यों कहते हम भारत को इंडिया, भारत के गौरव जागो, भारत की शान बढाओ, छोडो अब ये कहना इंडिया। क्युँ कहते इंडिया, क्यों कह...

आजादी का संघर्ष

आजादी का संघर्ष आज वक्त है कर्ज चुकाएँ उनकी उस बलिदानी का, समय आ गया संघर्ष करें हम फिर से नई आजादी का। आजादी के संघर्ष की कहानी फिर से दोहरानी है, इंकलाब की वो आवाज फिर से हमें सुनानी है। राणा जैसे वीरो को आज, हिंदुस्तान पुकार रहा, भगतसिहं जैसा बलिदान,देने वाला चाह रहा। ढूँढ रहा है भारत आज, उस मर्दानी रानी को, गाँधी बापू जैसे सत्य,अहिंसा के पुजारी को। विदेशी बाजारो की गुलामी से देश बचाना है, अपने देश के उत्पादो को जन जन तक पहुचाना है। किसानों की खुशहाली से जब ये धरती लहरायेगी, गरीबी और बेरोजगारी भी कहीं अपना मुँह छुपाएगी। भ्रष्टाचार के कीडे को हम मिलकर आज भगाएँगे, मेहनत और सच्चाई वाली लगन सभी में जगाएँगे। फिरंगी संस्कृति को छोड अपनी संस्कृति अपनानी है, अपनी भाषा सभ्यता की कीर्ती जग में फैलानी है। हर भारतीय के दिल में बैठा, जो वीर सैनानी है, उसको बस आजादी की गाथा याद करानी है। आज वक्त है कर्ज चुकाएँ उनकी उस बलिदानी का, समय आ गया संघर्ष करें हम फिर से नई आजादी का। -शालिनी गर्ग

लेना होगा तुझे दूसरा जन्म ओ गाँधी।

लेना होगा तुझे दूसरा जन्म ओ गाँधी। देश में बढ रही है भ्रष्टाचार की आँधी, लेना होगा तुझे दूसरा जन्म ओ गाँधी। तेरे आदर्श तेरे मूल्य न जाने कहाँ खो गए, कुर्सी के लिए हर रोज कतलेआम यहाँ हो रहे, रोकनी होगी तुझे मेरे देश की बर्बादी, लेना होगा तुझे दूसरा जन्म ओ गाँधी। क्या साधू क्या नेता सभी से विश्वास उठ गया, देश का पैसा विदेशी बैंको में भर गया, डालर के आगे रूपए ने अपनी कमर है झुका दी, लेना होगा तुझे दूसरा जन्म ओ गाँधी। सच्चाई और अहिंसा की हँसी जमाना उडा रहा, नैतिकता का पाठ किताबों से भी जा रहा, विदेशी बाजार के सामने स्वदेशी टोपी है जला दी, लेना होगा तुझे दूसरा जन्म ओ गाँधी। वैसे तो हर साल हम २ अक्टूबर है मनाते, झंडा फहराकर तुझे याद करते और छुट्टी मनाते, पर आज हमनेे तेरी हर बात है भुला दी, लेना होगा तुझे दूसरा जन्म ओ गाँधी। -शालिनी गर्ग

कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान

कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान हिमालय है जिसकी आन, गंगा यमुना है जिसकी शान, और हम सब में बोलती हिन्दी भाषा है जिसकी जान, कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान । वो बारिश में भीगे, फूलों की खुशबू से महके, ठंडी हवा के झोखों में जहाँ, गूंजे शिवा का नाम । कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान । कभी भैया से झगडा, कभी बहना से तकरार, कभी मम्मी पापा का लाड़ और दुलार, और हाँ कभी कभी सासु माँ के तानो की तान, कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान । वो हाथों में भरी भरी काँच की चूडियाँ, बालों मे गजरा,माथे पे बिन्दया, पैरो में बजता पायल का छनछान, कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान । मम्मी के हाथों की मक्का की रोटी, दादी के लड्डू मठरी और अचार, और नानी का मीठा गुलकंद का पान, कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान । वो शादी की मस्ती ,त्योहारों के खान, सखियों संग ठिठोली, चाय के जाम, उस पे बिना खबर के मेहमानो का आन, कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान । -शालिनी गर्ग