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अजब रोग

अजब रोग हर उम्र का आज एक ही रोग है, मोबाइल को थामे हुए यहाँ हर लोग हैं। मेरा क्या तेरा क्या सबका सहारा है ये, बच्चो के लिए तो चंदा मामा से प्यारा है ये। पर मेरे लिए तो मेरे जिगर का लाल है, इसके बिना जीना एक पल बेहाल है। सुबह गहरी नींद से यही तो जगाता है, फिर वहीं से कसकर हाथ थाम लेता है। जो काम करने बैठूँ तो टिंग टिंग करता है, गर न उठाऊँ तो एसे मुझे घूरता है। जो काम शुरू किया वो पडा रह जाता है, कब में ये सारा समय चूस जाता है। आँखों से हटते ही सूना सूना जग लगे, इसके बिना जिंदगी का मकसद अधूरा लगे। लेकिन सच कहँ मैं मोबाइल को थोडा छोडिए, नज़रो को उठाइए और सामने तो देखिए। थोडा मुस्कुराइए थोडा गुनगुनाइए बच्चो संग खेलिए, बीबी संग बतियाइए आपसे बस मेरा यही अनुरोध है, मोबाइल को थामे हुए यहाँ जो लोग हैं -शालिनी गर्ग

गूगल चाचा

गूगल चाचा गूगल चाचा,गूगल चाचा,कोई नहीं आपसा अच्छा, आप पर मरता है आज ,हर बूढ़ा,जवान और बच्चा। जब भी कुछ समझ न आए, बस आप ही की तो याद आए, क्योंकी आप ही तो मेरी हर परेशानी को झट से सुलझाएँ, मैं क्या पापा भी आप को देख कर ही गाडी चलाए, मम्मी भी आपको सामने रखकर खाना पकाए। दादा जी हर बीमारी का नुस्खा आप से पूछकर बतलाएँ दादी जी भी आपको पढकर मीठे भजन गुनगुनाए। सब आजकल आपके ही गुणगान गाते जाए, आप हैं तो अपने को अब कोई अकेला न पाए। गूगल चाचा आपके सिवा अब कुछ भी तो न भाए, आप ही तो हम सबके सच्चे दोस्त जो बन पाए। -शालिनी गर्ग

स्वचित्र छडी(SELFIE STICK)

स्वचित्र छडी स्वचित्र छडी का अजब सा चलन है आया, सबको इस छडी ने अपने मोहजाल में फसायाँ। हमने भी एक बार स्वचित्र छडी को आजमाया, मोबाइल निकाला और उसको छडी में चढ़ाया। छडी को दाहिने हाथ से पकडकर आगे बढ़ाया, और बायीं भौंह को थोडा सा हमने ऊपर चढ़ाया। जरा सा मुस्कुराकर बस झट से बटन दबाया, फिर फ़ेसबुक पर उसको अपना प्रदर्शन चित्र बनाया। बस फिर क्या था कमेंटस और लाइक का अंबार था आया, लाइक ने तो धीरे धीरे पूरा शतक ही लगाया, वाह री स्वचित्र छडी ! तू भी क्या चीज़ है कमाल, कर देती है अच्छो अच्छो को अपनी अदा से निहाल। -शालिनी गर्ग