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एक दिन की मोहलत माँग लेना

मेरी कशमकश

मेरी कशमकश क्या लिखुँ किस पर लिखुँ मैं हास्य कविता, सोच सोच के परेशान हूँ मैं, कुछ भी तो नही सूझता। हे भगवान मदद करो मेरी, कुछ तो राह दिखाओ, मुझ जैसी नादान पर कुछ तो तरस तुम खाओ। राजनीती पर लिखु कैसे, उस पर तो है पाबंदी, मोदी, योगी,लालू, केजरी, सबसे तौबा कर ली। सोचा कुछ कतर की खूबसूरत वादियों पर ही लिख दूँ, पर रेतों के इन ढेरों में कहाँ से नज़ारे ढूँढू। मौसम पर लिखने की सोचा तो मुझे पसीना आया, सावन के मौसम में ज्येष्ठ का महीना पाया। मंहगाई, भ्रष्टाचार के किस्से क्यूँ याद करने, हास्य तो आएगा नहीं,आँसू लगेंगे टपकने। बोलीवुड में भी अब तो कुछ नहीं है भाता, हास्य के नाम पर वो तो फूहडपन दिखाता। क्रिकेट फिक्सिंग के भी रोज देख देख नज़ारे, इसे देखना समय बर्बादी कहते हैं अब सारे। पतिदेव को देखा प्यार से ,क्या तुम पर लिख दूँ कविता, आँखो से घूरा कुछ ऐसे जैसे सामने खडा हो चीता। बच्चे बोले देखो मम्मी हम पर तरस तुम खाओ, जाओ जाकर अपनी किसी सहेली को सूली चढ़ाओ। सहेलियाँ यहाँ मिली मुश्किल से उन पर कैसे लिख दूँ, इस हास्य कविता के चक्कर में उनको न मैं खो दूँ। पडोसियों पर लिख दिया तो फालतू में हो जाएगा पंग...

हिन्दी की पाठशाला

हिन्दी की पाठशाला हिन्दी अध्यापिका के लिए इश्तहार था आया, हमने भी अपना हौसला बढाया और, साक्षात्कार के लिए कदम बढाया । उन्हे भी हमारा अंदाज पसंद आया, और अगले हफ्ते से ही हिन्दी पढाने का हुक्म फरमाया । फिर क्या था हमने भी अपनी सारी जुगत लगाई, हिन्दी सिखाने की सारी तरकीब अपनाई। पर हाय री किस्मत ! जब हिन्दी सिखाने की यहाँ कोई किताब न पाई, तब हमने अपने प्यारे गूगल को आवाज लगाई। खैर पाठ बनाए हमने और शुरू हो गई पाठशाला, जिसमें थे कम्पनी के अफसर आला आला। पहले दिन का पाठ सभी को बहुत भाया, सभी ने अपनी पसंद का वाक्य बतलाया। किसी को आप कैसे हैं ? मै अच्छा हूँ, बहुत भाया, तो किसी को अच्छा बच्चा का रिदिम रास आया। एक मोहतरमा को तो अच्छा चलते हैं का जुमला बहुत भाया। और उन्होने ये जाकर अपनी कार्य स्थली में दोहराया। कहाँ मिलोगी बसंती ?पलट कर जवाब ये आया। कुछ समझ न पाई वो झट नोट डाउन किया और आकर हमें बतलाया। एक दिन पाठशाला में हमने समझाया, हिन्दी में बडो को बहुत इज्जत देते हैं इसलिए उन्हे एकवचन में नहीं बहुवचन में बोलते हैं। जैसे माई फादर को मेरा पिता जी नहीं मेरे पिताजी बोलेंगे। चलिए इस पर अब इस पर एक न...