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देश मेरा प्यारा भारत,

 


देश मेरा प्यारा भारत, लहराये तिरंगा न्यारा

शीश मुकुट हिमालय का, चरणों में सागर धारा

घूमे हम दुनिया सारी, माँ का आँचल ही प्यारा

गूँजता जहाँ कण कण मे, राम नाम का जयकारा

चाहत थी कुछ पाने की ,

ख्वाबों के महल बनाने की,

पर ख्वाब में आते है अब तो,

वही नुक्कड गलियाँ चौबारा।

देश मेरा प्यारा भारत, लहराये तिरंगा न्यारा

शीश मुकुट हिमालय का, चरणों में सागर धारा

घूमे हम दुनिया सारी  माँ का आँचल ही प्यारा

गूँजता जहाँ कण कण मे  राम नाम का जयकारा

परदेश में धन और मान मिला,

जीवन थोडा आसान मिला,

पर मात पिता की सेवा को,

तरस गया दिल बेचारा

देश मेरा प्यारा भारत,लहराये तिरंगा न्यारा

शीश मुकुट हिमालय का, चरणों में सागर धारा

घूमे हम दुनिया सारी, माँ का आँचल ही प्यारा

गूँजता जहाँ कण कण मे,  राम नाम का जयकारा

मिट्टी की सौंधी खुशबू

जब जब याद आ जाती है,

कहता है मन वापस चल

क्यों फिरता है बंजारा।

देश मेरा प्यारा भारत, लहराये तिरंगा न्यारा

शीश मुकुट हिमालय का, चरणों में सागर धारा

घूमे हम दुनिया सारी , माँ का आँचल ही प्यारा

गूँजता जहाँ कण कण मे,  राम नाम का जयकारा

 

 

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