योद्धा है तू भूल मत जाना, गिरने से तेरी हार नही,
उठना ही तेरी फितरत है,
यूँ रुकना तुझे स्वीकार नही।
पासे का बस खेल है ये,
कभी एक दिया कभी छह दिया,
मेहनत किस्मत चमके कभी,
किस्मत ने मुख फेर लिया।
सपने रहे आधे या पूरे,
सपने तो कल तक बदलते है,
रात के देखे हुये सपने,
अरे सुबह को कहाँ टिकते हैं,
पथ नही जीवन का सीधा,
कभी सीधी राह बढ़ता नही।
योद्धा है तू भूल मत जाना,गिरने से तेरी हार नही,
उठना ही तेरी फितरत है,
यूँ रुकना तुझे स्वीकार नही।
भरे पेट व्यंजन की थाली,
वो स्वाद कहाँ दे पाती है,
प्यास लगी हो तभी जिह्वा,
पानी का स्वाद बताती है।
मत सोच हाथ से क्या फिसला,
ये देख प्रभु से क्या मिला,
तन मन बुद्धि पर गर्वित हो,
अपने गुणों का दीप जला,
विश्वास खुद पर ही तेरा ,
दिखलायेगा तुझको राह सही।
योद्धा है तू भूल मत जाना,
गिरने से तेरी हार नही,
उठना ही तेरी फितरत है,
यूँ रुकना तुझे स्वीकार नही।
मातपिता की चाह यही,
संतान सुखी और स्वस्थ रहे,
स्वाभीमान भरा हो जीवन,
धन वैभव का न कष्ट सहे।
जीवन एक परीक्षा है हर कदम
पर ये तो टकरायेगी,
कितनी सफलता पाई तूने,
तेरी सूझबूझ ही दिखलायेंगी।
चढना उतरना ही आनंद है,
हार जीत पर सिमटता नही ।
योद्धा है तू भूल मत जाना,गिरने से तेरी हार नही,
उठना ही तेरी फितरत है,
यूँ रुकना तुझे स्वीकार नही।
कुछ दोस्त आगे निकलेंगे कुछ
दोस्त पीछे छूटेंगे,
कुछ देंगे तुझको हौसला कुछ
तेरे कदम खीचें लेंगें,
आज क्या घटा था बस ये,
कल तक भूल भी जाना है,
मेहनत की कलम से फिर से,
पन्ना सुनहरा लिख जाना है।
मेहनत ही अपने बस में है किस्मत
पर अधिकार है नही
योद्धा है तू भूल मत जाना,
गिरने से तेरी हार नही,
उठना ही तेरी फितरत है,
यूँ रुकना तुझे स्वीकार नही।
शालिनी गर्ग
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