ये स्कूल के दिन हम कहो
कैसे भूल पायेंगे
ये दोस्ती की कश्ती हम अब
किधर पायेंगें
दिल के बस्तों में अब यादों के मोती
सजायेंगें
ये दिन यारों लौट लौट कर हम याद आएँगे
ये स्कूल के दिन हम कहो
कैसे भूल पायेंगे
ये दोस्ती की कश्ती, हम अब
किधर पायेंगें
जल्दी जल्दी उठना और जल्दी जल्दी
नहाना
जल्दी जल्दी से टाई को गले में
लटकाना
बस को पकड़ने के लिये जल्दी जल्दी
भागना
और जूते के फीतों को तो बस में ही
बाँधना
इन सब झमेलो से तो सही है बच जाएँगे
ये स्कूल के दिन हम कहो
कैसे भूल पायेंगे
ये दोस्ती की कश्ती, हम अब
किधर पायेंगें
क्लास में बहानों की भी पाठशाला चलती
थी
नये नये बहाने पर दोस्तों की दाद
मिलती थी
टीचर भी सब जानकर अंजान बनती फिरती
थी
सारे बहानों की सजा रिपोर्टकार्ड में
ही दिखती थी
पर वो बहानों की माला अब किसको
पहनाएँगें
ये स्कूल के दिन हम कहो
कैसे भूल पायेंगे
ये दोस्ती की कश्ती हम अब
किधर पायेंगें
ब्रेक के टाइम का कितना इंतजार रहता
था
टिफिन तो ब्रेक से पहले ही उड लेता
था
कैंटीन की धक्कामुक्की में बाजी जो
जीत लेता था,
वही तो हम सबकी शाबासी का मैडल लेता
था
अब वो शहनशाहे कैंटिन कहो किस को
बनायेंगें
ये स्कूल के दिन हम कहो
कैसे भूल पायेंगे
ये दोस्ती की कश्ती हम अब
किधर पायेंगें
कुछ ने पिटवाया भी, तो कुछ ने बचाया
भी
कुछ ने सही समय पर, रास्ता दिखलाया
भी
कुछ ने तो संग देकर अपना हमें डुबाया
भी
पर अब डूबने उबरने का खेल कैसे खेल
पायेंगे
ये स्कूल के दिन हम कहो
कैसे भूल पायेंगे
ये दोस्ती की कश्ती हम अब
किधर पायेंगें
आज कंधे पर बस्ते का, भारी बोझ नहीं
होगा
नई राहों का सफर सबका कहीं दूर दूर
होगा
कोई इस मंजिल होगा तो कोई उस मंजिल
होगा
पर दोस्तो के साथ अब हम कैसे रेस
लगाएँगे
ये स्कूल के दिन हम कहो
कैसे भूल पायेंगे
ये दोस्ती की कश्ती हम अब
किधर पायेंगें
रोते रोते आये थे और रोकर ही जा रहे
हैं
15 साल का ये सफर आज पूरा कर रहे हैं
स्कूल के दिनो से तो हम छुट्टी पा
रहे हैं
पर ये बीता समय दुबारा फिर हम कब पायेंगे
ये स्कूल के दिन हम कहो
कैसे भूल पायेंगे
ये दोस्ती की कश्ती हम अब
किधर पायेंगें
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