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*तुम्हारे रास्ते में गुल बिछाता जा रहा हूं मैं
मेरे दर आज आओगे बताता जा रहा
हूँ मैं
कभी सोचा न था ये ख्वाब पूरे यूँ
हो जायेंगे
हथेली देखकर खुद ही इतराता जा
रहा हूँ मैं।
जो लड़ते थे, झगड़ते थे बड़े नखरे दिखाते थे,
ढ़के सर पर वो आँचल हैं सताता जा
रहा हूँ मै।
सजाकर लाई जो सपने मुझे पूरे सभी
करने
इसी उम्मीद को दिल में बसाता जा
रहा हूँ मै।
रहेंगे दीया बाती से करेंगे बात
हर पल की ,
यही अरमान है दिल का सुनाता जा रहा हूं मैं
करो शोपिंग
जब जानम लगूँगा बिल की लाइन में,
किया वादा है ये तुमसे निभाता जा
रहा हूँ मैं
शालिनी गर्ग
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