2122 2122 2122
*आप क्यों अब दूर होते जा रहे हैं
बिन कहे मगरूर होते जा रहे है
किस
नशे में चूर होते जा रहे है
मुश्किलों के दिन सहे थे साथ हमने
आप क्यों अब
दूर होते जा रहे हैं
शोहरत में चाँद
तारे लगते अपने
आप भी मशहूर
होते जा रहे हैं
खुश रहे देती
रहूँगी मैं दुआएँ,
आप जिनके नूर
होते जा रहे हैं
“शालिनी गर्ग”
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