राम का है नाम सत्य, राम का है काम सत्य
राम को जीवन में तुम उतार लो
काम क्रोध लोभ अहम, राक्षस यही करो दहन
प्रेम त्याग दान को स्वीकार लो
ऊच नीच भेद भाव, राम के नही ये भाव
दीन को भी प्यार से सँवार दो
जान लो अपनी पहचान, आप में छिपे हैं राम
स्वयं के राम को पुकार लो,
राम ही जीवन।।
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