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प्रेम पर प्रेम से भरी कविता


 प्रेम जग का आधार , प्रेम ईश्वर का प्यार

प्रेम से बढ़े श्रृंगार, प्रेम ही खजाना है

प्रेम ही आशा का दीप, प्रेम से होती है जीत

प्रेम से बनते मीत, प्रेम गीत गाना है

प्रेम नहीं मजबूरी ,प्रेम में धैर्य जरूरी 

प्रेम मे हो चाहे दूरी, प्रेम बरसाना है।

प्रेम नही है कामना ,प्रेम नही हक पाना,

प्रेम सब अपनाना, प्रेम देते जाना है।

 

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