बीता तेरे साथ जो पल अफसाना बन गया,
कुछ खुशी का कुछ गम का तराना बन गया।
सोचा था अब ढेर सारी बाते होंगी तेरी मेरी,
पर गुपचुप गुमसुम सा एक फसाना बन गया।
अनजानों की तरह मिले,फिर चल दिए हम घर,
सोचा था जो ख्वाब वो दिल में ही दब गया।
पर बीता ये खामोश पल भी मुस्कान दे गया,
तुझे याद करने का एक नया बहाना बन गया।
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