२० वर्ष पुराना ये नगमा जिसका पहला अक्षर मिलाकर तुम्हारा नाम बनता है
आज शादी की वर्षगाँठ पर अचानक याद आ गया
गिला न शिकवा खुदा से कोई
रिस्ता जो मिला तेरे प्यार का
रातो को अकसर देखा था,
जब ख्वाब तेरे दीदार का।
किस्मत ने मुझको दे दिया आज
शौहर मेरा दिलदार सा,
रब से दुआ है इतनी बस
गम का न अब कोई साथ मिले
रहू तेरी बन के तेरे दिल मे हमेशा
गलती से भी हमारा विश्येवास न हिले ।
आज शादी की वर्षगाँठ पर अचानक याद आ गया
गिला न शिकवा खुदा से कोई
रिस्ता जो मिला तेरे प्यार का
रातो को अकसर देखा था,
जब ख्वाब तेरे दीदार का।
किस्मत ने मुझको दे दिया आज
शौहर मेरा दिलदार सा,
रब से दुआ है इतनी बस
गम का न अब कोई साथ मिले
रहू तेरी बन के तेरे दिल मे हमेशा
गलती से भी हमारा विश्येवास न हिले ।
-शालिनी गर्ग
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