दुर्गा माँ के नवराते , नौ देवी दर्श कराते,
व्रत हवन पाठ से, मैया तुम्हे
बुलाते।
पहली माँ शैलपुत्री, दूजी
ब्रह्मचारिणी,
तीजी माता चन्द्रघंटा,के
गुण हम ध्याते।
कुष्मांडा है चौथी देवी,
पाँचवी है स्कंधमाता,
छठी दुर्गे कात्यानी का, दरबार
सजाते।
आँठवी है कालरात्रि, नवी दुर्गे
महागौरी,
पूज नव दुर्गे रूप,
सौभाग्य हम पाते।
शालिनी गर्ग

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