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नए साल की सुबह

नए साल की सुबह


नया साल है,नई सुबह है,
सब कुछ पहला सा,सब कुछवही है,
वही ठंडक है, वही धूप है,और वही काम की रफ्तार है
कुछ बदला है ,तो बदला है मन मे ये नया एहसास,
नए वादो से भरा, नई उमंग और नए जोश के साथ,
कुछ नया करने की कोशिश,
कुछ पुरानी आदतो से अलविदाकरने का
एक छोटा सा ,मगर महत्वपूर्ण कदम,
जो है आत्मविश्वास से भरा,
पर क्या करू इस दिल का जो मानता ही नही, कुछ भूलता ही नही,
बस प्यार से कहता है आज, केवल आज ,कल से जरूर,
और जीत जाता है ये दिल, एक बार फिर, उन वादो से,
जो किए थे, कसमे खाकर दिसम्बर के आते ही,
और करते है बेचारे वादे इंतजार, एक बार फिर नए साल के आने का





-शालिनी गर्ग

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